
✍️ अजीत मिश्रा (खोजी) ✍️
बस्ती में प्राचीन काली मंदिर तोड़े जाने के विरोध में हिन्दूवादी संगठन सड़क पर उतर आए हैं। उन्होंने इसे हिन्दुओं की आस्था से खिलवाड़ बताया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
बस्ती में काली मंदिर को बुलडोजर से किया ध्वस्त, हिन्दू संगठनों ने रोका सड़क निर्माण कार्य
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले पौराणिक काली माता मंदिर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया, जिसके बाद से स्थानीय लोगों और हिंदूवादी संगठनों में जबरदस्त नाराजगी देखने को मिल रही हैं। विश्व हिंदू महासंघ के सदस्यो ने इस घटना को लेकर आक्रोश जताया और कोतवाली थाने में पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की और करोड़ों की लागत से बन रहे सड़क निर्माण कार्य को भी रोक दिया और जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर को हटाने में धार्मिक विधि विधान का पालन नहीं किया गया।
दरअसल बस्ती में बड़े वन से लेकर कंपनीबाग तक फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। ये काम लोक निर्माण विभाग की देखरेख में हो रहा है।इस सड़क निर्माण के बीच आवास विकास के मोड़ पर स्थित प्राचीन काली माता मंदिर को बिना किसी पूर्व सूचना या उचित प्रक्रिया का पालन किए, बुलडोजर से ढहा दिया गया। जिसके बाद हिन्दूवादी संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि ये मंदिर स्थानीय लोगों के लिए केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि उनकी सांस्कृतिक विरासत और आस्था का प्रतीक था, जो दशकों से इस स्थान पर स्थापित था।
विश्व हिंदू महासंघ के जिलाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि विकास कार्यों में धार्मिक स्थलों को हटाना जरूरी होता है लेकिन प्रशासन की ओर से इसकी पहले जानकारी नहीं दी गई और न ही काली माता की प्राचीन मूर्ति को भी विस्थापित करने का कोई प्रयास नहीं किया गया और उसे हटाने में लापरवाही बरती गई और कुछ ही दूरी पर एक नया, छोटा मंदिर जल्दबाजी में बनवा दिया गया. यह कृत्य न केवल धार्मिक नियमों का उल्लंघन है, बल्कि स्थानीय लोगों की भावनाओं के प्रति घोर असंवेदनशीलता भी दर्शाता है।
विश्व हिंदू महासंघ के पदाधिकारियों और सदस्यों ने इस मामले में कोतवाली पहुंचकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और मंदिर तोड़ने वाले रोड के ठेकेदार के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने इसे आपराधिक कृत्य बताया, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है. उन्होंने मांग की कि इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो हम बड़े पैमाने पर जन आंदोलन करेंगे। विकास के नाम पर हमारी आस्था को रौंदा जाए इसे क़तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस मामले पर स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।पुलिस और लोक निर्माण विभाग, दोनों ही इस पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं। वहीं नाराज लोगों ने फिलहाल सड़क निर्माण कार्य को रोक दिया है।उन्होंने कहा कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक वो आगे काम नहीं होने देंगे।